वैसे यह बात आप भी नही जानते होंगे कि विश्व का सबसे श्रेष्ट धर्म कौन सा है? इस बात का फैसला करना आपके लिए बहुत कठिन है इसलिये आप यह पोस्ट पढ़ने आए है इस बात का फैसला करना हमारे लिए भी बहुत कठिन है लेकिन फिर भी हम आपको सरल भाषा मे बताने का पूर्ण प्रयाश करेंगे तो चलिए जानते है विश्व का सबसे श्रेष्ठ धर्म ( Which is the best religion of world)
वैसे भी हम चाहे किस भी धर्म के हो लेकिन फिर भी यह जानने के लिए उत्सुक रहते है कि आखिर कौन सा धर्म विश्व का सबसे श्रेष्ठ धर्म है और क्यो? इसलिए आज हम अपने यूजर को यह बताने जा रहे है कि कौन सा धर्म श्रेष्ठ है और क्यो?
आपको यह जानना सबसे आवश्यक है कि इस विश्व का कोई भी धर्म ऐसा नही है जो कहता हो कि उसका धर्म सर्वश्रेष्ठ है लेकिन आप यह भी जान ले हर एक धर्म का संदेश और उद्देश्य एक ही है।
लेकिन आज कल कोई अपने धर्म के उद्देश्य न समझ कर आपस मे ही लर झगड़ कर मर रहे है और अपने धर्म को सर्वश्रेष्ठ कह इंसानियत का अपमान कर रहे है। वही देख लीजिए हिंदू कहता है की मेरा सनातन धर्म सबसे अच्छा है तो वही मुसलमान बोलता है कि मेरा इस्लाम धर्म सबसे श्रेष्ठ है। आपको बताते दे की ये वो लोग होते है जिन्हें अपने धर्म का भी सही से ज्ञान नहीं होता है, सही समझ नही होता है।
आपको यह जानना आवश्यक है कि यह बताना बहुत ही मुश्किल कार्य है कि कौन सा धर्म सर्वश्रेष्ठ है इसके लिए हमे उस इंसान से बाटे करनी होंगी जिसे सभी धर्म का पूर्ण रूप से ज्ञान हो लेकिन आज के समय मे ऐसा इंसान मिलना बहुत ही मुश्किल है हर एक व्यक्ति स्वयं के धर्म ज्ञान के बिना अपने धर्म को सिर्फ सर्वश्रेष्ठ बताने पे लगा है।
साथ ही हमे यह भी जानना जरुरी है कि वो व्यक्ति किसी भी प्रकार के लालच, मोह माया से पर हो, तभी वो इसका जवाब दे सकेगा। नहीं तो अगर वो मुस्लिम हुआ तो इस्लाम को, हिंदू हुआ तो सनातन को, सरदार हुआ तो सिक्ख धर्म को सर्वश्रेष्ठ बतायेगा।
अब आप यह जान चुके होंगे कि ऐसा व्यक्ति मिलना इतना आसान कार्य नही है इसलिए अब इसका एक ही उपाय बचा है कि हमे स्वयं को सभी धर्मों को जानना होगा इससे हमें यह बात तो पता चलेगी परंतु हमे के प्रकार के ज्ञान भी होंगे।
वैसे भी हम चाहे किस भी धर्म के हो लेकिन फिर भी यह जानने के लिए उत्सुक रहते है कि आखिर कौन सा धर्म विश्व का सबसे श्रेष्ठ धर्म है और क्यो? इसलिए आज हम अपने यूजर को यह बताने जा रहे है कि कौन सा धर्म श्रेष्ठ है और क्यो?
दुनिया में सबसे श्रेष्ठ (सर्वश्रेष्ठ) धर्म कौनसा है, और क्यों?
कुछ सन्देश या उद्देश्य जैसे कि,
- सत्य की राह पर चलना।
- अच्छे कर्म यानि सत्कर्म करना।
- असत्य एवं अधर्म के खिलाप आवाज उठाना।
- असहाय और जरुरतमंदों की मदद करना।
लेकिन आज कल कोई अपने धर्म के उद्देश्य न समझ कर आपस मे ही लर झगड़ कर मर रहे है और अपने धर्म को सर्वश्रेष्ठ कह इंसानियत का अपमान कर रहे है। वही देख लीजिए हिंदू कहता है की मेरा सनातन धर्म सबसे अच्छा है तो वही मुसलमान बोलता है कि मेरा इस्लाम धर्म सबसे श्रेष्ठ है। आपको बताते दे की ये वो लोग होते है जिन्हें अपने धर्म का भी सही से ज्ञान नहीं होता है, सही समझ नही होता है।
आपको यह जानना आवश्यक है कि यह बताना बहुत ही मुश्किल कार्य है कि कौन सा धर्म सर्वश्रेष्ठ है इसके लिए हमे उस इंसान से बाटे करनी होंगी जिसे सभी धर्म का पूर्ण रूप से ज्ञान हो लेकिन आज के समय मे ऐसा इंसान मिलना बहुत ही मुश्किल है हर एक व्यक्ति स्वयं के धर्म ज्ञान के बिना अपने धर्म को सिर्फ सर्वश्रेष्ठ बताने पे लगा है।
साथ ही हमे यह भी जानना जरुरी है कि वो व्यक्ति किसी भी प्रकार के लालच, मोह माया से पर हो, तभी वो इसका जवाब दे सकेगा। नहीं तो अगर वो मुस्लिम हुआ तो इस्लाम को, हिंदू हुआ तो सनातन को, सरदार हुआ तो सिक्ख धर्म को सर्वश्रेष्ठ बतायेगा।
अब आप यह जान चुके होंगे कि ऐसा व्यक्ति मिलना इतना आसान कार्य नही है इसलिए अब इसका एक ही उपाय बचा है कि हमे स्वयं को सभी धर्मों को जानना होगा इससे हमें यह बात तो पता चलेगी परंतु हमे के प्रकार के ज्ञान भी होंगे।
हां अगर हम सभी धर्मों को ले कर उन्ही बताई बातों का विश्लेषण करे तो इससे एक बात पता चलती है कि सभी धर्म सत्य और मानवता का पाठ पढ़ाते है, स्तय का राह पर चलने की सिख देते है स्वयं को सर्वश्रेष्ठ नही कहते है।
इसीलिए हम कह सकते है कि, इस पूरी पृथ्वी या संसार में एक ही धर्म सबसे बडा और सर्वश्रेष्ठ है और वो है मानवता धर्म या कहे तो इंसानियत। यही वो धर्म है जिसे हम सर्वश्रेष्ठ य महान कह सकते है।
मगर कोई यह बात समझने या मानने को तैयार ही नही है। बस सबको दंगे-फसाद करके अपने धर्म का झंडा लहराना है और दूसरे धर्म को नीचा दिखाना है।
अब इस मानसिकता को क्या कह सकते है, शायद धर्म प्रेम या फिर कटरता। साफ तौर पर इसे कटरता ही कहेंगे। क्योकि कोई भी धर्म यह नही सिखाता की आपसीखता किसी दूसरे धर्म का अनादर करे।
अगर आप किसी का आदर नही कर सकते तो अनादर करने का भी आपको कोई हक नही है। मगर आज ये बात समझना कौन चाहता है? हर कोई अपने धर्म गुरुओ (पाखंडियो) की बातों को सच मान लेता है।
आपको बता दें कि कोई भी धर्म स्वयं में ये नहीं कहता कि मैं महान हूं, धर्म का अनुयायी ये कहता है कि मेरा धर्म महान है, क्योंकि ऐसा करने से उसे गर्व का अहसास होता है और दूसरों की तुलना में वह श्रेष्ठ साबित होना चाहता है।
या फिर इसको लेकर उसका कोई और उद्देश्य होता है। ऐसे लोगो को समझना होगा कि धर्म का उद्देश्य दूसरों की दृष्टि में श्रेष्ठ कहलाना या बाकियों की तुलना में महान बनना नहीं होता है।
अब तक हम इस चक्कर में ना जाने कितने लोगो को खो चुके है। लेकिन अब हमे ये समझना होगा कि,
ना हिंदू बुरा है न मुसलमान बुरा है, करता है जो बुरे काम, वो इंसान बुरा है।
धर्मों की सच्चाई जानने के लिए हमे समझना होगा की ये धर्म क्या है, और वो कौन लोग है जो वास्तव में धर्म को मानते है। चलिए मैं आपको इसके बारे में शोर्ट में बता देता हु।
धर्म वह है जो हमें सही मार्ग चुनने और सही कर्म करने की सलाह देता है, और सच्चा धर्म अनुयायी वो है जो किसी बहस में न पड़ते हुए... बस चला जा रहा है अपने मार्ग पर, बिना इस बात की परवाह किए कि कोई उस मार्ग को महान बता रहा है या तुच्छ।
आपको बता दे की किसी का अहित करने वाला कभी भी सच्चा धर्म अनुयायी नहीं हो सकता। हमे ऐसे लोगो की झूठी बातों में आने से बचना होगा।
हमें समझना होगा कि दुनिया के सभी धर्म अपने आप में श्रेष्ठ है, सभी धर्म बराबर है, बिलकुल वैसे ही जैसे इस धरती का हर एक इंसान बराबर है। हिंदू, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई, जैन और अन्य सभी धर्म के लोगो के खून का रंग एक ही है।
इसीलिए हम किसी के साथ भेदभाव न करते हुए सभी को सामान द्रष्टि से देखना है। जो लोग ऐसा करते है, वो महान है उनका धर्म महान है।
नोट:- यहाँ पर हमने जो भी बाते बताई है वो उन सभी का सोर्स इन्टरनेट है, इसीलिए इसमें गलती हो सकती है। अगर आपको कुछ गलत लगे तो नीचे कमेंट में बता सकते है।
साथ ही अपने दोस्तों, घर-परिवार वालो को भी इसके बारे में बताये ताकि वो भी इस सच्चाई के बारे में जान सके तो अभी सोशल मीडिया पर शेयर करे ताकि वो ये सभी बाते जान सके।
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