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Bharat | India

Bharat

हेलो दोस्तो
आज हम दुनिया का एक ऐसा देश जो किसी अजूबे से कम नही है उसके बर्रे में बात करेंगे अजूबा कहा मतलब आप जान ही गये होंगे आपके मन मे पहला शब्द ही आ गया होगा भारत
जी हाँ भारत किसी अजूबे से कम थोड़ी न है दुनिया भर में इतने देश है और भारत भी एक देश ही है लेकिन उन देशों में और भारत मे जमीन आसमान का फर्क है तो चलिए आज जानते है भारत के बारे में
अरे........ वो भारत नही समझना जिसमे सलमान खान हीरो बने है ये भारत उस भारत से भी बेहतर है
भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, अंग्रे्रे्रे में जीजीRepublic of Indiaदक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। यह पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित है, भारत भौगोलिक दृष्टि से विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा देेेश है (1.रूस, 2.कनाडा, 3.चीन, 4.अमरीका, 5.ब्राजील, 6.ऑस्ट्रेलिया, 7.भारत), जबकि जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीननेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं।
अतः भारत के दो दिशाओ में समुद्र ही समुद्र है मतलब चीन ,पाकिस्तान वालो को बता दो "चुप रह नही तो बाढ़ आ जाएगा "
प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, कुमारी कंदम महाद्‌वीप व्‍यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है।
भारतीय अर्थव्यवस्था मानक मूल्यों (सांकेतिक) के आधार पर विश्व का छठा सबसे बड़ा और क्रय-शक्ति समता (पर्चेजिंग पावर पैरिटी) के आधार पर विश्व की तीसरी सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। मतलब पाकिस्तान को 100 साल लग जाएंगे मिसाइलें से । १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है और क्यो न मन जाए किसी और कि फटती है इसके सामने। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं देश के नेताओ के कारण। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व की पांचवींं सबसे ताकतवर अर्थव्यवस्था है।
लेकिन सिर्फ कहने को USA भी इसके सामने कुछ नही है।

चलिए अब भारत के नाम के बारे में जाने--

भारत के दो आधिकारिक नाम हैं- हिन्दी में भारत 😍और अंग्रेज़ी में इण्डिया 🙄(India)। इण्डिया नाम की उत्पत्ति सिन्धु नदी के अंग्रेजी नाम "इण्डस" से हुई है। भारत नाम, एक प्राचीन सम्राट भरत जो कि मनु के वंशज तथा ऋषभदेव के सबसे बड़े बेटे थे, जिनकी कथा श्रीमद्भागवत महापुराण में है, के नाम से लिया गया है। महाभारत के आदि पर्व में भी सम्भव पर्व के 74 वें अध्याय के 131 वें श्लोक के अनुसार राजा दुष्यन्त और शकुंतला के पुत्र भरत के नाम पर इस भूखण्ड का नाम भारत पड़ा। एक व्युत्पत्ति के अनुसार भारत (भा + रत) शब्द का मतलब है आन्तरिक प्रकाश या विदेक-रूपी प्रकाश में लीन सच कहा। एक तीसरा नाम हिन्दुस्तान भी है जिसका अर्थ हिन्द की भूमि, यह नाम विशेषकर अरब/ईरान में प्रचलित हुआ। इसका समकालीन उपयोग कम और प्रायः उत्तरी भारत के लिए होता है। इसके अतिरिक्त भारतवर्ष को वैदिक काल से आर्यावर्त "जम्बूद्वीप" और "अजनाभदेश" के नाम से भी जाना जाता रहा है। बहुत पहले भारत का एक मुंहबोला नाम 'सोने की चिड़िया' भी प्रचलित था आज कल नही सोनेे की चिड़िया नही कहा जाता  लेकिन सोने क्या हीरे से भी ज्यादा मूल्यवान है भारत।

चलिये अब राष्ट्रीय प्रतीक के बारे में जाने


भारत का राष्ट्रीय चिह्न सारनाथ स्थित अशोक स्तंभ की अनुकृति है जो सारनाथ के संग्रहालय में सुरक्षित है। भारत सरकार ने यह चिह्न २६ जनवरी १९५० को अपनाया। उसमें केवल तीन सिंह दिखाई पड़ते हैं, चौथा सिंह दृष्टिगोचर नहीं है। राष्ट्रीय चिह्न के नीचे देवनागरी लिपि में 'सत्यमेव जयते' अंकित है।
भारत के राष्ट्रीय झंडे में तीन समांतर आयताकार पट्टियाँ हैं। ऊपर की पट्टी केसरिया रंग की, मध्य की पट्टी सफेद रंग की तथा नीचे की पट्टी गहरे हरे रंग की है। झंडे की लंबाई चौड़ाई का अनुपात 3:2 का है। सफेद पट्टी पर चर्खे की जगह सारनाथ के सिंह स्तंभ वाले धर्मचक्र अनुकृति अशोक चक्र है जिसका रंग गहरा नीला है। चक्र का व्यास लगभग सफेद पट्टी के चौड़ाई जितना है और उसमें २४ अरे हैं। राष्ट्रभाषा: हिंदी कवि रवींद्रनाथ ठाकुर द्वारा लिखित 'जन-गण-मन' के प्रथम अंश को भारत के राष्ट्रीय गान के रूप में २४ जनवरी १९५० ई. को अपनाया गया। साथ-साथ यह भी निर्णय किया गया कि बंकिमचंद्र चटर्जी द्वारा लिखित 'वंदे मातरम्' को भी 'जन-गण-मन' के समान ही दर्जा दिया जाएगा, क्योंकि स्वतंत्रता संग्राम में 'वंदे मातरम्' गान जनता का प्रेरणास्रोत था।
भारत सरकार ने देश भर के लिए राष्ट्रीय पंचांग के रूप में शक संवत् को अपनाया है। इसका प्रथम मास 'चैत' है और वर्ष सामान्यत: ३६५ दिन का है। इस पंचांग के दिन स्थायी रूप से अंग्रेजी पंचांग के मास दिनों के अनुरूप बैठते हैं। सरकारी कार्यो के लिए ग्रेगरी कैलेंडर (अंग्रेजी कैलेंडर) के साथ-साथ राष्ट्रीय पंचांग का भी प्रयोग किया जाता है।

अब इतिहास जानते है

वैसे तो भारत का इतिहास बहुत लंबा जिसे पढ़ने में सालो लग जाएंगे लेकिन छोटे में जानते है

धार्मिक इतिहास

प्राचीन हिन्दू मान्यताओं के अनुसार भारत को एक सनातन राष्ट्र माना जाता है क्योंकि यह मानव-सभ्यता का पहला राष्ट्र था। श्रीमद्भागवत के पंचम स्कन्ध में भारत राष्ट्र की स्थापना का वर्णन आता है। भारतीय दर्शन के अनुसार सृष्टि उत्पत्ति के पश्चात ब्रह्मा के मानस पुत्र स्वयंभू मनु ने व्यवस्था सम्भाली। इनके दो पुत्र, प्रियव्रत और उत्तानपाद थे। उत्तानपाद भक्त ध्रुव के पिता थे। इन्हीं प्रियव्रत के दस पुत्र थे। तीन पुत्र बाल्यकाल से ही विरक्त थे। इस कारण प्रियव्रत ने पृथ्वी को सात भागों में विभक्त कर एक-एक भाग प्रत्येक पुत्र को सौंप दिया। इन्हीं में से एक थे आग्नीध्र जिन्हें जम्बूद्वीप का शासन कार्य सौंपा गया। वृद्धावस्था में आग्नीध्र ने अपने नौ पुत्रों को जम्बूद्वीप के विभिन्न नौ स्थानों का शासन दायित्व सौंपा। इन नौ पुत्रों में सबसे बड़े थे नाभि जिन्हें हिमवर्ष का भू-भाग मिला। इन्होंने हिमवर्ष को स्वयं के नाम अजनाभ से जोड़ कर अजनाभवर्ष प्रचारित किया। यह हिमवर्ष या अजनाभवर्ष ही प्राचीन भारत देश था। राजा नाभि के पुत्र थे ऋषभ। ऋषभदेव के सौ पुत्रों में भरत ज्येष्ठ एवं सबसे गुणवान थे। ऋषभदेव ने वानप्रस्थ लेने पर उन्हें राजपाट सौंप दिया। पहले भारतवर्ष का नाम ॠषभदेव के पिता नाभिराज के नाम पर अजनाभवर्ष प्रसिद्ध था। भरत के नाम से ही लोग अजनाभखण्ड को भारतवर्ष कहने लगे।
पाषाण युग भीमबेटका मध्य प्रदेश की गुफाएँ भारत में मानव जीवन का प्राचीनतम प्रमाण हैं। प्रथम स्थाई बस्तियों ने ९००० वर्ष पूर्व स्वरुप लिया। यही आगे चल कर सिन्धु घाटी सभ्यता में विकसित हुई, जो २६०० ईसा पूर्व और १९०० ईसा पूर्व के मध्य अपने चरम पर थी। लगभग १६०० ईसा पूर्व आर्य भारत आए और उन्होंने उत्तर भारतीय क्षेत्रों में वैदिक सभ्यता का सूत्रपात किया। इस सभ्यता के स्रोत वेद और पुराण हैं। किन्तु आर्य-आक्रमण-सिद्धांत अभी तक विवादस्पद है। लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक सहित कुछ विद्वानों की मान्यता यह है कि आर्य भारतवर्ष के ही स्थायी निवासी रहे हैं तथा वैदिक इतिहास करीब ७५,००० वर्ष प्राचीन है। इओसी समय दक्षिण भारत में द्रविड़ सभ्यता का विकास होता रहा। दोनों जातियों ने एक दूसरे की खूबियों को अपनाते हुए भारत में एक मिश्रित-संस्कृति का निर्माण किया।
५०० ईसवी पूर्व कॆ बाद कई स्वतंत्र राज्य बन गए। भारत के प्रारम्भिक राजवंशों में उत्तर भारत का मौर्य राजवंश उल्लेखनीय है जिसके प्रतापी सम्राट अशोक का विश्व इतिहास में विशेष स्थान है। १८० ईसवी के आरम्भ से मध्य एशिया से कई आक्रमण हुए, जिनके परिणामस्वरूप उत्तर भारतीय उपमहाद्वीप में यूनानी, शक, पार्थी और अंततः कुषाण राजवंश स्थापित हुए। तीसरी शताब्दी के आगे का समय जब भारत पर गुप्त वंश का शासन था, भारत का "स्वर्णिम काल" कहलाया।" दक्षिण भारत में भिन्न-भिन्न काल-खण्डों में कई राजवंश चालुक्य, चेर, चोल, पल्लव तथा पांड्य रहे। ईसा के आस-पास संगम-साहित्य अपने चरम पर था, जिसमें तमिळ भाषा का परिवर्धन हुआ। सातवाहनों और चालुक्यों ने मध्य भारत में अपना वर्चस्व स्थापित किया। विज्ञान, कला, साहित्य, गणित, खगोलशास्त्र, प्राचीन प्रौद्योगिकी, धर्म, तथा दर्शन इन्हीं राजाओं के शासनकाल में फले-फूले।
१२वीं शताब्दी के प्रारंभ में, भारत पर इस्लामी आक्रमणों के पश्चात, उत्तरी व केन्द्रीय भारत का अधिकांश भाग दिल्ली सल्तनत के शासनाधीन हो गया; और बाद में, अधिकांश उपमहाद्वीप मुगल वंश के अधीन। दक्षिण भारत में विजयनगर साम्राज्य शक्तिशाली निकला। हालाँकि, विशेषतः तुलनात्मक रूप से, संरक्षित दक्षिण में अनेक राज्य शेष रहे, अथवा अस्तित्व में आये। मुगलों के संक्षिप्त अधिकार के बाद सत्रहवीं सदी में दक्षिण और मध्य भारत में मराठों का उत्कर्ष हुआ। उत्तर पश्चिम में सिक्खों की शक्ति में वृद्धि हुई।
१७वीं शताब्दी के मध्यकाल में पुर्तगाल, डच, फ्रांस, ब्रिटेन सहित अनेक यूरोपीय देशों, जो भारत से व्यापार करने के इच्छुक थे, उन्होंने देश की आतंरिक शासकीय अराजकता का फायदा उठाया अंग्रेज दूसरे देशों से व्यापार के इच्छुक लोगों को रोकने में सफल रहे और १८४० तक लगभग संपूर्ण देश पर शासन करने में सफल हुए। १८५७ में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कम्पनी के विरुद्ध असफल विद्रोह, जो भारतीय स्वतन्त्रता के प्रथम संग्राम से भी जाना जाता है, के बाद भारत का अधिकांश भाग सीधे अंग्रेजी शासन के प्रशासनिक नियंत्रण में आ गया।

कोणार्क-चक्र - १३वीं शताब्दी में बने उड़ीसा के सूर्य मन्दिर में स्थित, यह दुनिया के सब से प्रसिद्घ ऐतिहासिक स्मारकों में से एक है।
बीसवी सदी के प्रारम्भ में आधुनिक शिक्षा के प्रसार और विश्वपटल पर बदलती राजनीतिक परिस्थितियों के चलते भारत में एक बौद्धिक आन्दोलन का सूत्रपात हुआ जिसने सामाजिक और राजनीतिक स्तरों पर अनेक परिवर्तनों एवम आन्दोलनों की नीव रखी। १८८५ में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना ने स्वतन्त्रता आन्दोलन को एक गतिमान स्वरूप दिया। बीसवीं शताब्दी के प्रारंभ में लम्बे समय तक स्वतंत्रता प्राप्ति के लिये विशाल अहिंसावादी संघर्ष चला, जिसका नेतृत्‍व महात्मा गांधी, जो आधिकारिक रूप से आधुनिक भारत के 'राष्ट्रपिता' के रूप में संबोधित किये जाते हैं, इसी सदी में भारत के सामाजिक आन्दोलन, जो सामाजिक स्वतंत्र्यता प्राप्ति के लिए भी विशाल अहिंसावादी एवं क्रांतिवादी संघर्ष चला, जिसका नेतृत्व डॉ॰ बाबासाहेब आंबेडकर ने किया, जो ‘आधुनिक भारत के निर्माता’, ‘संविधान निर्माता' एवं ‘दलितों के मसिहा’ के रूप में संबोधित किये जाते है। इसके साथ-साथ चंद्रशेखर आजाद, सरदार भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरू, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, वीर सावरकर आदि के नेतृत्‍व मे चले क्रांतिकारी संघर्ष के फलस्वरुप १५ अगस्त, १९४७ भारत ने अंग्रेजी शासन से पूर्णतः स्वतंत्रता प्राप्त की। तदुपरान्त २६ जनवरी, १९५० को भारत एक गणराज्य बना।
एक बहुजातीय तथा बहुधार्मिक राष्ट्र होने के कारण भारत को समय-समय पर साम्प्रदायिक तथा जातीय विद्वेष का शिकार होना पड़ा है। क्षेत्रीय असंतोष तथा विद्रोह भी हालाँकि देश के अलग-अलग हिस्सों में होते रहे हैं, पर इसकी धर्मनिरपेक्षता तथा जनतांत्रिकता, केवल १९७५-७७ को छोड़, जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल की घोषणा कर दी थी, अक्षुण्ण रही है।
भारत के पड़ोसी राष्ट्रों के साथ अनसुलझे सीमा विवाद हैं। इसके कारण इसे छोटे पैमानों पर युद्ध का भी सामना करना पड़ा है। १९६२ में चीन के साथ, तथा १९४७, १९६५, १९७१ एवं १९९९ में पाकिस्तान के साथ लड़ाइयाँ हो चुकी हैं।
भारत गुटनिरपेक्ष आन्दोलन तथा संयुक्त राष्ट्र संघ के संस्थापक सदस्य देशों में से एक है।
१९७४ में भारत ने अपना पहला परमाणु परीक्षण किया था जिसके बाद १९९८ में ५ और परीक्षण किये गये। १९९० के दशक में किये गये आर्थिक सुधारीकरण की बदौलत आज देश सबसे तेज़ी से विकासशील राष्ट्रों की सूची में आ गया है।
भारत का यह इतिहास पढ़ने के बाद आप थोड़ा बहुत तो जान ही गये होंगे कि आखिर भारत को हमने अजूबा क्यो कहा है।

अब सरकार के बारे में जानते है

भारत का संविधान भारत को एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतान्त्रिक गणराज्य घोषित करता है जो कि दूनीया के किसी देेेश में नही है।  भारत लोकतंत्रिक गणराज्य है, जिसकी द्विसदनात्मक संसद वेस्टमिन्स्टर शैली की संसदीय प्रणाली द्वारा संचालित है। भारत का प्रशासन संघीय ढांचे के अन्तर्गत चलाया जाता है, जिसके अनुसार राष्ट्रीय स्तर पर केंद्र सरकार और राज्य स्तर पर राज्य सरकारें हैं। केंद्र और राज्य सरकारों के बीच शक्तियों का बंटवारा संविधान में दी गई रूपरेखा के आधार पर होता है। वर्तमान में भारत में २९ राज्य और ७ केंद्र-शासित प्रदेश हैं। केंद्र शासित प्रदेशों में, स्थानीय प्रशासन को राज्यों की तुलना में कम शक्तियां प्राप्त होती हैं। भारत का सरकारी ढाँचा, जिसमें केंद्र राज्यों की तुलना में ज़्यादा सशक्त है, उसे आमतौर पर अर्ध-संघीय (सेमि-फ़ेडेरल) कहा जाता रहा है, पर १९९० के दशक के राजनैतिक, आर्थिक और सामाजिक बदलावों के कारण इसकी रूपरेखा धीरे-धीरे और अधिक संघीय (फ़ेडेरल) होती जा रही है।
इसके शासन में तीन मुख्य अंग हैं: न्यायपालिका, कार्यपालिका और व्यवस्थापिका।
व्यवस्थापिका संसद को कहते हैं, जिसके दो सदन हैं – उच्चसदन राज्यसभा, अथवा राज्यपरिषद् और निम्नसदन लोकसभा. राज्यसभा में २४५ सदस्य होते हैं जबकि लोकसभा में ५४५। राज्यसभा एक स्थाई सदन है और इसके सदस्यों का चुनाव, अप्रत्यक्ष विधि से ६ वर्षों के लिये होता है। राज्यसभा के ज़्यादातर सदस्यों का चयन राज्यों की विधानसभाओं के सदस्यों द्वारा किया जाता है, और हर दूसरे साल राज्य सभा के एक तिहाई सदस्य पदमुक्त हो जाते हैं। लोकसभा के ५४३ सदस्यों का चुनाव प्रत्यक्ष विधि से, ५ वर्षों की अवधि के लिये आम चुनावों के माध्यम से किया जाता है जिनमें १८ वर्ष से अधिक उम्र के सभी भारतीय नागरिक मतदान कर सकते हैं। इसके इलावा २ सदस्यों को राष्ट्रपति एंग्लो-इण्डियन समुदाय में से नामित कर सकती है, अगर यह समुदाय संसद में पर्याप्त रूप से प्रतिनिधित्व ना पा सका हो।
कार्यपालिका के तीन अंग हैं – राष्ट्रपतिउपराष्ट्रपति और मंत्रिमंडल। राष्ट्रपति, जो राष्ट्र का प्रमुख है, की भूमिका अधिकतर आनुष्ठानिक ही है। उसके दायित्वों में संविधान का अभिव्यक्तिकरण, प्रस्तावित कानूनों (विधेयक) पर अपनी सहमति देना और अध्यादेश जारी करना प्रमुख हैं। वह भारतीय सेनाओं का मुख्य सेनापति भी है। राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति को एक अप्रत्यक्ष मतदान विधि द्वारा ५ वर्षों के लिये चुना जाता है। प्रधानमन्त्री सरकार का प्रमुख है और कार्यपालिका की सारी शक्तियाँ उसी के पास होती हैं। इसका चुनाव राजनैतिक पार्टियों या गठबन्धन के द्वारा प्रत्यक्ष विधि से संसद में बहुमत प्राप्त करने पर होता है। बहुमत बने रहने की स्थिति में इसका कार्यकाल ५ वर्षों का होता है। संविधान में किसी उप-प्रधानमंत्री का प्रावधान नहीं है पर समय-समय पर इसमें फेरबदल होता रहा है। मंत्रिमंडल का प्रमुख प्रधानमंत्री होता है। मंत्रिमंडल के प्रत्येक मंत्री को संसद का सदस्य होना अनिवार्य है। कार्यपालिका संसद को उत्तरदायी होती है, और प्रधानमंत्री और उनका मंत्रिमण्डल लोक सभा में बहुमत के समर्थन के आधार पर ही अपने कार्यालय में बने रह सकते हैं।
भारत की स्वतंत्र न्यायपालिका का ढाँचा त्रिस्तरीय है, जिसमें सर्वोच्च न्यायालय, जिसके प्रधान प्रधान न्यायाधीश है; २४ उच्च न्यायालय और बहुत सारी निचली अदालतें हैं। सर्वोच्च न्यायालय को अपने मूल न्यायाधिकार (ओरिजिनल ज्युरिडिक्शन), और उच्च न्यायालयों के ऊपर अपीलीय न्यायाधिकार के मामलों, दोनो को देखने का अधिकार है। सर्वोच्च न्यायालय के मूल न्ययाधिकार में मौलिक अधिकारों के हनन के इलावा राज्यों और केंद्र, और दो या दो से अधिक राज्यों के बीच के विवाद आते हैं। सर्वोच्च न्यायालय को राज्य और केंद्रीय कानूनों को असंवैधानिक ठहराने के अधिकार है। भारत में २४ उच्च न्यायालयों के अधिकार और उत्तरदायित्व सर्वोच्च न्यायालय की अपेक्षा सीमित हैं। संविधान ने न्यायपालिका को विस्तृत अधिकार दिये हैं, जिनमें संविधान की अंतिम व्याख्या करने का अधिकार भी सम्मिलित है। भारत का सरकार  भी  दुनिया के  सरकरो से बहुत अलग है।

अब भारतीय सैनिकों के बारे में जानते है

तो अब हम असली रियल लाइफ के हीरोज के बारे में बात करेंगे


लगभग 13 लाख सक्रिय सैनिकों के साथ, भारतीय सेना दुनिया में तीसरी सबसे बड़ी है। भारत की सशस्त्र सेना में एक थलसेना, नौसेना, वायु सेना और अर्द्धसैनिक बल, तटरक्षक, जैसे सामरिक और सहायक बल विद्यमान हैं। भारत के राष्ट्रपति भारतीय सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर है।
1947 में अपनी स्वतंत्रता के बाद से, भारत ने ज्यादातर देशों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखा है। 1950 के दशक में, भारत ने दृढ़ता से अफ्रीका और एशिया में यूरोपीय कालोनियों की स्वतंत्रता का समर्थन किया और गुट निरपेक्ष आंदोलन में एक अग्रणी भूमिका निभाई। 1980 के दशक में भारत ने आमंत्रण पर दो पड़ोसी देशों में संक्षिप्त सैन्य हस्तक्षेप किया। मालदीव, श्रीलंका और अन्य देशों में ऑपरेशन कैक्टस में भारतीय शांति सेना को भेजा गया। हालाँकि, भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान के साथ एक तनावपूर्ण संबंध बने रहे और दोनों देशों में चार बार युध्द (1947, 1965, 1971 और 1999 में) हुए हैं। कश्मीर विवाद इन युद्धों के प्रमुख कारण था, सिवाय 1971 के, जो कि तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान में नागरिक अशांति के लिए किया गया था। 1962 के भारत-चीन युद्ध और पाकिस्तान के साथ 1965 के युद्ध के बाद भारत ने अपनी सैन्य और आर्थिक स्थिति का विकास करने का प्रयास किया। सोवियत संघ के साथ अच्छे संबंधों के कारण सन् 1960 के दशक से, सोवियत संघ भारत का सबसे बड़ा हथियार आपूर्तिकर्ता के रूप में उभरा।
आज रूस के साथ सामरिक संबंधों को जारी रखने के अलावा, भारत विस्तृत इजरायल और फ्रांस के साथ रक्षा संबंध रखा है। हाल के वर्षों में, भारत में क्षेत्रीय सहयोग और विश्व व्यापार संगठन के लिए एक दक्षिण एशियाई एसोसिएशन में प्रभावशाली भूमिका निभाई है। १०,००० राष्ट्र सैन्य और पुलिस कर्मियों को चार महाद्वीपों भर में पैंतीस संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में सेवा प्रदान की है। भारत भी विभिन्न बहुपक्षीय मंचों, खासकर पूर्वी एशिया शिखर बैठक और जी-८५ बैठक में एक सक्रिय भागीदार रहा है। आर्थिक क्षेत्र में भारत दक्षिण अमेरिका, अफ्रीका और एशिया के विकासशील देशों के साथ घनिष्ठ संबंध रखते है। अब भारत एक "पूर्व की ओर देखो नीति" में भी संयोग किया है। यह "आसियान" देशों के साथ अपनी भागीदारी को मजबूत बनाने के मुद्दों की एक विस्तृत श्रृंखला है जिसमे जापान और दक्षिण कोरिया ने भी मदद किया है। यह विशेष रूप से आर्थिक निवेश और क्षेत्रीय सुरक्षा का प्रयास है।
1974 में भारत अपनी पहले परमाणु हथियारों का परीक्षण किया और आगे 1998 में भूमिगत परीक्षण किया। जिसके कारण भारत पर कई तरह के प्रतिबन्ध भी लगाये गए। भारत के पास अब तरह-तरह के परमाणु हथियारें है। भारत अभी रूस के साथ मिलकर पाँचवीं पीढ़ के विमान बना रहे है।
हाल ही में, भारत का संयुक्त राष्ट्रे अमेरिका और यूरोपीय संघ के साथ आर्थिक, सामरिक और सैन्य सहयोग बढ़ गया है। 2008 में, भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच असैनिक परमाणु समझौते हस्ताक्षर किए गए थे। हालाँकि उस समय भारत के पास परमाणु हथियार था और परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) के पक्ष में नहीं था यह अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी और न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप (एनएसजी) से छूट प्राप्त है, भारत की परमाणु प्रौद्योगिकी और वाणिज्य पर पहले प्रतिबंध समाप्त. भारत विश्व का छठा वास्तविक परमाणु हथियार राष्ट्रत बन गया है। एनएसजी छूट के बाद भारत भी रूस, फ्रांस, यूनाइटेड किंगडम और कनाडा सहित देशों के साथ असैनिक परमाणु ऊर्जा सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर करने में सक्षम है।
वित्त वर्ष 2014-15 के केन्द्रीय अंतरिम बजट में रक्षा आवंटन में 10 प्रतिशत बढ़ोत्‍तरी करते हुए 224,000 करोड़ रूपए आवंटित किए गए। 2013-14 के बजट में यह राशि 203,672 करोड़ रूपए थी। 2012–13 में रक्षा सेवाओं के लिए 1,93,407 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था, जबकि 2011–2012 में यह राशि 1,64,415 करोइ़ थी। साल 2011 में भारतीय रक्षा बजट 36.03 अरब अमरिकी डॉलर रहा (या सकल घरेलू उत्पाद का 1,83%)। 2008 के एक SIRPI रिपोर्ट के अनुसार, भारत क्रय शक्ति के मामले में भारतीय सेना के सैन्य खर्च 72.7 अरब अमेरिकी डॉलर रहा। साल 2011 में भारतीय रक्षा मंत्रालय के वार्षिक रक्षा बजट में 11.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई, हालाँकि यह पैसा सरकार की अन्य शाखाओं के माध्यम से सैन्य की ओर जाते हुए पैसों में शमिल नहीं होता है। भारत दुनिया का सबसे बड़े हथियार आयातक है।
वित्त वर्ष2007-20082008-20092009-20102011-20122012-20132013-20142014-20152015-20162016-2017
बजट (करोड़ रूपए)96,0001,05,6001,41,703    1,64,4151,93,4072,03,6722,24,0002,94,3203,59,854
२०१४ में नरेन्द्र मोदी नीत भाजपा सरकार ने मेक इन इण्डिया के नाम से भारत में निर्माण अभियान की शुरुआत की और भारत को हथियार आयातक से निर्यातक बनाने के लक्ष्य की घोषणा की। रक्षा निर्माण के द्वार निजी कंपनियों के लिए भी खोल दिए गए और भारत के कई उद्योग घरानों ने बड़े पैमाने पर इस क्षेत्र में पूंजी निवेश की योजनाएँ घोषित की। फ्राँस की डसॉल्ट एविएशन ने अंबानी समूह के साथ साझेदारी में रफेल लड़ाकू विमान, तथा अमेरिका की लॉकहीड मार्टिन ने टाटा समूह के साथ साझेदारी लड़ाकू विमान एफ-१६  का निर्माण भारत में प्रारंभ करने की घोषणाएँ की हैं। अन्य प्रतिष्ठित समूह जैसे एल एंड टी, महिंद्रा, कल्याणी आदि भी कई परियोजनाओं के निर्माण की पहल कर चुके हैं जिनमें तोपें, असला, जलपोत व पनडुब्बियों का निर्मान शामिल है। रूस के साथ कमोव हेलीकॉप्टर का निर्माण भी भारत में करने के लिए समझौता हुआ है।

तो आज के लिए इतना ही लेकिन उपयुक्त पोस्ट को पढ़कर आपको पता चल ही गया होगा भारत की महानता के बारे में लेकिन क्या आपको पता है कि शीर्ष फॉरेन पॉलिसी मैगजीन ने अपने सर्वे में कहा कि भारत २०१७ में विश्व में ६ वीं महाशक्ति है 
लेकिन आपको बता दे कि भारत को हमने 8वा अजूबा क्यो कहा है 

  1. भारत एक ऐसा देश जहा सभी भाषा और धर्म को समानता प्राप्त है
  2. भारत ने कभी भी किसी देश पर बिना कारणवस हमला नही किया है।
  3. भारत एक ऐसा देश जहाँ दुनिया भर के बड़े बड़े कंपनी हमारे देश मे अपने प्रोडक्ट मैनुफैक्चरिंग फैक्ट्री को खोलना चाहते है क्योंकि यह एक ऐसा देश है जहाँ हर प्रकार के रिसोर्स आसानी से मिल जाते है।
  4. जनहित के लिए भारत मे कई बार बटवारे भी हुआ है।
  5. कोरोना वायरस जो कि दुनिया के बड़े बड़े देशो को परेशानी में डाला है भारत मे उस वायरस के फैलने से पहले ही इलाज खोज लिया जिसे उन बड़े देशो ने नही खोज सका।
  6. आपको यह तो पता होगा कि लोग उनसे जलते हैजिसमें कोई खासियत हो ऐसे ही दुनिया के बड़े बड़े देश भारत के प्रति बहुत जलते है ऐसे ही उन्होंने भारत की बदनामी अपने देश के मगसिनो से की है अतः भारत मे कई खासियत है।
  7. भारत एक ऐसा देश जिसकी आर्मी का कोई जवाब नही स्वयं USA ने कहा कि अगर भारतीय सेना हमारे पास होती तो हम दुनिया मे राज कर लेंगे।
इन कारणों से भारत सबसे अलग है अतः 8वे अजूबे में एक है।
उम्मीद है आपको कोई शिकायत न होगी अगर है तो कमेंट कर।

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