Health

Indian Culture/ Bhartiya Sanskriti

भारतीय संस्कृति
नमस्ते मित्रों
तो कैसे हो आप सब मैं हु आपका अपना रमेश सिंह आज मैं लेके आया हु फिर से एक खास टॉपिक जो कि हैम और आप जैसे लोगो के बारे मे बताते है तो चलिए बिना समय गवाए शुरू करते है -
India, indian culture, bharatiya sanskriti, bharat, TOU, time of utsab, timeofutsab, time of utsav,

तो मित्रो संस्कृति व नही होती जिसका पालन न किया जाय संस्कृति वो है जिसके पालन भी करे साथ ही उस संस्कृति से लोगो को अवगत कराएं, भारत मे अधिकतर हिन्दू रहते है जिनकी सभ्यता, संस्कृति, धर्म, अधर्म सभी प्रकार के नियम उनके धर्म मे बने है
अगर उदाहरण ले-
हिन्दुओ में कहा गया है कि मनासाहर नही करना है तो पूरे दुनिया भारत ही एक ऐसा देश है जहाँ मांसाहारी कम है यह कम है  क्योंकि भारत मे सिर्फ हिन्दू नही रहते
अन्य उदाहरण ले-
हिन्दुओ में भाईचारा, सभी धर्म के प्रति इज्जत जैसी बाटे कहि हूई है तो दोस्तो भारत ही एक ऐसा देश है जहाँ की सरकार भी सभी धर्मों को समानता देती है सभी भाईचारे के साथ रहते है।
कोई और उदाहरण ले
हिन्दुओ में विवाह 7 जन्मो का रिश्ता मन जाता है तो दोस्तों दुनिया मे सबसे कम तलाख भारत मे ही होता है।

Redemi y2 phone चाहिए तो यह से खरीद लो सस्ता है

अब उदाहरण खत्म करते है
भारत की संस्कृति बहुआयामी है जिसमें भारत का महान इतिहास, विलक्षण भूगोल और सिन्धु घाटी की सभ्यता के दौरान बनी भारत में "कोया संस्कृति" स्वर्ण युग फली-फूली अपनी खुद की प्राचीन गोंडवाना विरासत शामिल हैं। इसके साथ ही पड़ोसी देशों के रिवाज़, परम्पराओं और विचारों का भी इसमें समावेश नहीं है। खुद के भाषा,बोली,लिपि, तीज, त्यौहार, नृत्य,गीत,इतिहास पिछली सहस्राब्दियों से अधिक समय से भारत के रीति-रिवाज़, भाषाएँ, प्रथाएँ और परंपराएँ इसके एक-दूसरे से परस्पर संबंधों में महान विविधताओं का एक अद्वितीय उदाहरण देती हैं। भारत कई धार्मिक प्रणालियों, जैसे कि हिन्दू धर्म, जैन धर्म, बौद्ध धर्म और सिख धर्म जैसे धर्मों का जनक है। इस मिश्रण से भारत में उत्पन्न हुए विभिन्न धर्म और परम्पराओं ने विश्व के अलग-अलग हिस्सों को भी बहुत प्रभावित किया है।
गोंडवाना समुदाय विश्व का सबसे प्राचीन समुदाय में से एक है,प्रथ्वी के शुरुवाती दौर में गोंडवाना लैंड और लॉरेशिया भू भाग के बारे में हम भली भांति परिचित है। इस गोंडवाना भू भाग की कोया संस्कृति जो गोंडी धर्म(प्रकृतिवादी,प्रकृति पूजक)को मानने वाले गोंड जनजाति के लोग निवास करते हैं,आज भी भारत में इस संस्कृति को व्यां करने वाले चिन्ह "गज पर सवार सिंह", "सल्ले गांगरा" "गोंडवाना राज्य चिन्ह" मौजूद है।
भारत की संस्कृति का महत्व

  1. भारतीय संस्कृति पूरे विश्व की सबसे प्राचीनसंस्कृति है। भारतीय संस्कृति कर्म प्रधान संस्कृति है। 
  2. प्राचीनता के साथ इसकी दूसरी बिशेषता अमरता है ।
  3. उसकी तीसरी विशेषता उसका जगद्गुरु होना है। उसे इस बात का श्रेय प्राप्त है कि उसने न केवल महाद्वीप-सरीखे भारतवर्ष को सभ्यता का पाठ पढ़ाया, अपितु भारत के बाहर बड़े हिस्से की जंगली जातियों को सभ्य बनाया, साइबेरिया के सिंहल (श्रीलंका) तक और मैडीगास्कर टापू, ईरान तथा अफगानिस्तान से प्रशांत महासागर के बोर्नियो, बाली के द्वीपों तक के विशाल भू-खण्डों पर अपनी अमिट प्रभाव छोड़ा।
  4. सर्वांगीणता, विशालता, उदारता, प्रेम और सहिष्णुता की दृष्टि से अन्य संस्कृतियों की अपेक्षा अग्रणी स्थान रखती है।
भारत में बोली जाने वाली भाषाओँ की बड़ी संख्या ने यहाँ की संस्कृति और पारंपरिक विविधता को बढ़ाया है। १००० (यदि आप प्रादेशिक बोलियों और प्रादेशिक शब्दों को गिनें तो, जबकि यदि आप उन्हें नहीं गिनते हैं तो ये संख्या घट कर २१६ रह जाती है) भाषाएँ ऐसी हैं जिन्हें १०,००० से ज्यादा लोगों के समूह द्वारा बोला जाता है, जबकि कई ऐसी भाषाएँ भी हैं जिन्हें १०,००० से कम लोग ही बोलते है। भारत में कुल मिलाकर ४१५ भाषाएं उपयोग में हैं ।

भारतीय संविधान ने संघ सरकार के संचार के लिए हिंदी और अंग्रेजी, इन दो भाषाओं के इस्तेमाल को आधिकारिक भाषा घोषित किया है अलग-अलग राज्यों के बारे में उनके अपने आतंकवादी संचार के लिए उनकी अपनी राज्य भाषा का इस्तेमाल किया जाता है।

 भारत में दो प्रमुख भाषा सम्बन्धी परिवार हैं - भारतीय-आर्य भाषाएं और द्रविण भाषाएँ, इनमें से पहली भाषा के परिवार मुख्य इसलिए भारत के उत्तरी, पश्चिमी, मध्य और पूर्वी क्षेत्रों के फैला हुआ है जबकि दूसरी भाषा परिवार भारत के दक्षिणी भाग में.भारत का  अगले सबसे बड़े भाषा परिवार में एस्ट्रो-एशियाई भाषा समूह है, जिसमें शामिल हैं भारत के मध्य और पूर्व में बोली जाने वाली मुंडा भाषाओं, उत्तर पूर्व, बी  ली जाने वाली खासी भाषाएँ और निकोबार द्वीप में बोली जाने वाली निकोबारी भाषाएँ।  भारत का चौथा सबसे बड़ा भाषा परिवार है तिब्बती-बर्मन भाषा परिवार का परिवार जो आपके आप में चीनी- तिब्बती भाषा परिवार का एक उपसमूह है।
अब्राहमिक के बाद भारतीय धर्म विश्व के धर्मों में प्रमुख है, जिसमें हिन्दू धर्म, बौद्ध धर्म, सिख धर्म, जैन धर्म,(मुस्लिम धर्म)आदि जैसे धर्म शामिल हैं। आज, हिन्दू धर्म और बौद्ध धर्म क्रमशः दुनिया में तीसरे और चौथे सबसे बड़े धर्म हैं, जिनमें लगभग १.४ अरब अनुयायी साथ हैं।

विश्व भर में भारत में धर्मों में विभिन्नता सबसे ज्यादा है, जिनमें कुछ सबसे कट्टर धार्मिक संस्थायें और संस्कृतियाँ शामिल हैं। आज भी धर्म यहाँ के ज़्यादा-से-ज़्यादा लोगों के बीच मुख्य और निश्चित भूमिका निभाता है।

८०.४% से ज्यादा लोगों का धर्म हिन्दू धर्म है। कुल भारतीय जनसँख्या का १३.४% हिस्सा इस्लाम धर्म को मानता है[1] सिख धर्म, जैन धर्म और खासकर के बौद्ध धर्म का केवल भारत में नहीं बल्कि पुरे विश्व भर में प्रभाव है ईसाई धर्म, पारसी धर्म, यहूदी और बहाई धर्म भी प्रभावशाली हैं, लेकिन उनकी संख्या कम है। भारतीय जीवन में धर्म की मज़बूत भूमिका के बावजूद नास्तिकता और अज्ञेयवादियों (agnostic) का भी प्रभाव दिखाई देता है।
विवाह

भारतीय समाज सदियों से तयशुदा शादियों (Arranged marriages) की परंपरा रही है। आज भी भारतीय लोगों का एक बड़ा हिस्सा अपने माता-पिता या अन्य सम्माननीय पारिवारिक सदस्यों द्वारा तय की गई शादियाँ ही करता है, जिसमें दूल्हा-दुल्हन की सहमति भी होती है तयशुदा शादियाँ कई चीज़ों का मेल कराने के आधार पर उन्हीं को ध्यान में रखकर निर्धारित की जाती हैं जैसे कि उम्र, ऊँचाई, व्यक्तिगत मूल्य और पसंद, साथ ही उनके परिवारों की पृष्ठभूमि (धन, समाज में स्थान) और उनकी जाति (caste) के साथ - साथ युगल की कुन्दलिनीय (horoscopes) अनुकूलता

भारत में शादियों को जीवन भर के लिए माना जाता है और यहाँ तलाक की दर संयुक्त राष्ट्र अमेरिका की ५०% की तुलना में मात्र १.१% है. तयशुदा शादियों में तलाक की दर और भी कम होती है। हाल के वर्षों में तलाकदर में काफी वृद्धि हो रही है:

इस बात पर अलग अलग राय है कि इसका मतलब क्या है: पारंपरिक लोगों के लिए ये बढती हुई संख्या समाज के विघटन को प्रदर्शित करती है, जबकि आधुनिक लोगों के अनुसार इससे ये बात पता चलती है कि समाज में महिलाओं का एक नया और स्वस्थ सशक्तिकरण हो रहा है।
हालाँकि, बाल विवाह (child marriage) को १८६० में ही गैरकानूनी घोषित कर दिया गया था लेकिन भारत के कुछ हिस्सों में ये प्रथा आज भी जारी है[14] यूनिसेफ द्वारा संसार के बच्चों की दशा के बारे में जारी रिपोर्ट " स्टेट ऑफ़ द वर्ल्ड चिल्ड्रेन -२००९" में ४७% ग्रामीण क्षेत्रों में भारतीय महिलाएं जो कि २०-२४ साल की होंगी उनकी शादी को विवाह के लिए वैध १८ साल की उम्र से पहले ही कर दी जाती हैं[15] रिपोर्ट यह भी दिखाती है कि विश्व में ४०% होने वाले बाल विवाह अकेले भारत में ही होते हैं[16]

भारतीय नाम (Indian name) भिन्न प्रकार की प्रणालियों और नामकरण प्रथा (naming conventions) पर होती हैं, जो की अलग -अलग शेत्रों के अनुसार बदलती रहती हैं नाम भी धर्म और जाति से प्रभावित होती हैं और वो धर्म या महाकाव्यों से लिए जा सकते हैं भारत की आबादी अनेक प्रकार की भाषाएं बोलती हैं
समाज में नारी की भूमिका अक्सर घर के काम काज को करने की और समुदायों की नि: स्वार्थ सेवा करने का काम होता है महिलाओं और महिलाओं के मुद्दों समाचारों में केवल ७-१४% ही दिखाई देते हैं अधिकांश भारतीय परिवारों में, महिलाओं को उनके नाम पर संपत्ति नहीं मिलती है और उन्हें पैतृक संपत्ति का एक हिस्सा भी नहीं मिलता है। कानून को लागू करने मे कमजोरी के कारण, महिल्लाएं आज भी ज़मीन के छोटे से टुकड़े और बहुत कम धन मे प्राप्त होता है[18] कई परिवारों में, विशेष रूप से ग्रामीण लोगों मे, लड़कियों और महिलाओं को परिवार के भीतर पोषण भेदभाव का सामना करना पड़ता है और इसी वजह से उनमें खून की कमी की शिकायत रहती है साथ- साथ वो कुपोषित भी होती हैं

रंगोली (या कोलम) एक परंपरागत कला है जो कि भारतीय महिलाओं में बहुत लोकप्रिय हैलोकप्रिय महिला पत्रिकाएं जिनमें फेमिना (Femina) गृहशोभा (Grihshobha), वनिता (vanita), वूमेनस एरा, आदि शामिल हैं

पशु
कई भारतीयों के पास अपने मवेशी होते हैं जैसे कि गाय-बैल या भेड़
आज भी हिन्दू बहुसंख्यक देशों जैसे भारत और नेपाल में गाय के दूध का धार्मिक रस्मों में महत्वपूर्ण स्थान है। समाज में अपने इसी ऊंचे स्थान की वजह से गायें भारत के बड़े बड़े शहरों जैसे कि दिल्ली में भी व्यस्त सड़कों के पर खुले आम घूमती हैं। कुछ जगहों पर सुबह के नाश्ते के पहले इन्हें एक भोग लगाना शुभ या सौभाग्यवर्धक माना जाता है। जिन जगहों पर गोहत्या एक अपराध है वहां किसी नागरिक को गाय को मार डालने या उसे चोट पहुँचाने के लिए जेल भी हो सकती है।
गाय को खाने के विरुद्ध आदेश में एक प्रणाली विकसित हुई जिसमें सिर्फ एक जातिच्युत मनुष्य (pariah) को मृत गायों को भोजन के रूप में दिया जाता था और सिर्फ वही उनके चमड़े (leather) को निकाल सकते थे। सिर्फ दो राज्यों :पश्चिम बंगाल और केरल के अतिरिक्त हर प्रान्त में गोहत्या निषिद्ध है। हालाँकि गाय के वध के उद्देश्य से उन्हें इन राज्यों में ले जाना अवैध है, लेकिन गायों को नियमित रूप से जहाज़ में सवार कर इन राज्यों में ले जाया जाता है।[19] "गाय हमारी माता है" ऐसा विभिन्न जगह कहा जाता है, खास कर बुंदेलखण्ड की तरफ़।
रीति
नमस्ते या नमस्कार या नमस्कारम् भारतीय उपमहाद्वीप में अभिनन्दन या अभिवादन करने के सामान्य तरीके हैं। यद्यपि नमस्कार को नमस्ते की तुलना में ज्यादा औपचारिक माना जाता है, दोनों ही गहरे सम्मान के सूचक शब्द हैं। आम तौर पर इसे भारत और नेपाल में हिन्दू, जैन और बौद्ध लोग प्रयोग करते हैं, कई लोग इसे भारतीय उपमहाद्वीप के बाहर भी प्रयोग करते हैं। भारतीय और नेपाली संस्कृति में ये शब्द लिखित या मौखिक बोलचाल की शुरुआत में प्रयोग किया जाता है। हालाँकि विदा होते समय भी हाथ जोड़े हुए यही मुद्रा बिना कुछ कहे बनायी जाती है। योग में, योग गुरु और योग शिष्यों द्वारा बोले जाने वाली बात के आधार पर नमस्ते का मतलब "मेरे भीतर की रोशनी तुम्हारे अन्दर की रोशनी का सत्कार करती है " होता है




एक टिप्पणी भेजें

2 टिप्पणियाँ

टिप्पणी करने के लिए धन्यवाद